त्योहारों और छुट्टियों के मौसम में, रेलवे स्टेशनों पर यात्रीगण की भारी भीड़ का सामना करना आम बात है। इस भीड़ में कई यात्री अपने टिकट को कन्फर्म कराने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। एक ताजगी सूत्र के अनुसार, 2027 तक हर रेल यात्री को कन्फर्म टिकट प्राप्त होने की योजना बन रही है।

यह समाचार उस समय आया है जब दिवाली और छठ पूजा के मौके पर स्टेशनों पर यात्रीगण की भरमार देखी गई। बिहार की ओर से जा रही एक छठ पूजा की ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते हुए एक 40 वर्षीय व्यक्ति की जान भी चली गई ।
हर यात्री को मिलेगा कन्फर्म टिकट कैसे?
रेलवे ने इस समस्या का समाधान करने के लिए एक बड़ी योजना बनाई है। इस योजना के तहत, प्रति वर्ष नए रेल ट्रैक बिछाए जाएंगे और इससे रेलवे का नेटवर्क और बढ़ेगा। इसके बावजूद, वर्तमान में प्रति दिन 10,748 ट्रेनें चल रही हैं, और इस संख्या को बढ़ाकर हर दिन 13,000 ट्रेनों को चलाने का लक्ष्य है।
सूत्रों के मुताबिक, आने वाले 3-4 वर्षों में 3000 नई ट्रेनें चलाने की योजना है। इसके साथ ही, यात्री क्षमता को 1,000 करोड़ तक बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा गया है। रेलवे यात्रा में लगने वाले समय को कम करने के लिए, अधिक पटरियों का निर्माण और स्पीड बढ़ाने जैसे कई कदम उठाए जा रहे हैं।
ट्रेनों की गति को कैसे बढ़ाया जाएगा?
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेनों की गति को बढ़ाने के लिए एक्सीलरेशन और डिस्लेरेशन को बढ़ाना आवश्यक है ताकि ट्रेन को जल्दी रुकाया और चलाया जा सके। एक रेलवे के अध्ययन के अनुसार, एक्सीलरेशन और डिस्लेरेशन को बढ़ाने से दिल्ली से कोलकाता की यात्रा में दो घंटे बीस मिनट की बचत हो सकती है।
इसके अलावा, पुश और पुल तकनीक भी एक्सीलरेशन और डिस्लेरेशन को बढ़ाने में सहायक होगी। वर्तमान में प्रति वर्ष लगभग 225 ऐसी ट्रेनें निर्मित हो रही हैं, जिनमें पुश पुल तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। वंदे भारत जैसी मुख्य ट्रेन की एक्सीलरेशन और डिस्लेरेशन क्षमता में वर्तमान ट्रेनों की तुलना में चार गुना ज्यादा है|